Saturday 22 December 2007

भारत का भविष्य

भारत एक महान देश...हज़ारों सालों से विश्व को राह दिखाता यह देश. लेकिन क्या आज का भारत महान रह गया है ?

हर जगह हर प्रांत में हर शहर और गाँव में निरंतर अपराध हो रहें हैं, आदमी का आदमी पर से भरोसा उठ चुका है। पडोसी यह नहीं जानते कि अपने पडोसी पर विश्वास कर सकते हैं कि नहीं।

देश में आज भी कला, बुद्धि और मेहनत की कमी नहीं है, और हमने विश्व में जहाँ भी कोशिश की है जीत ही पायी है। लेकिन एक तरफ पचौरी, ऐश्वर्या, सानिया, धोनी, टाटा, इनफोसिस और TCS के विश्व विजयी अभियान हो रहे हैं और एक तरफ खून, डकैती, बलात्कार, अपहरण और बम धमाके एक आम सी बात बन कर रह गए हैं। सच्चाई यह है कि 80% भारतवासी देश में क्या तरक्की हो रही है जानते भी नहीं ठीक से, उन्हें. अपने लिए आज का खाना, कपडा और घर और अपने भविष्य के लिए सुरक्षा जुटाने से ही फुरसत नहीं है।

हमारा प्रजातंत्र गरीबी और निरक्षरता पर निर्भर है, और देश के नेता जानते हैं कि यदि भारत के लोग पढ़ लिख गए तो उनका भांडा फूट जाएगा और वोट तो उन्हें मिलेंगे नहीं। ये नेता अपने फायदे के लिए सिर्फ ऐसी नीतियां बनाते हैं जो प्रसिद्ध हों चाहे उनको लागू करना वास्तव में एकदम असंभव या देश के लिए अहितकारी हों।

यदि देश को चलाने वाले अपनी जनता की वास्तविक भलाई नहीं सोचते, देशवासियों कि निरंतर उन्नत्ति से उनका कोई समबन्ध ही नहीं है, धर्म के नाम पर लड़ाई कराना नेताओं की मजबूरी हो तो ऐसा देश अपने इतिहास के बल पर कैसे और कब तक महान कहला सकता है। हर पढे लिखे भारतवासी को आत्म चिंतन करने की तुरंत आवश्यकता है।